महीने के अंत का डर: छूटी हुई EMI से होने वाली चिंता और अनिद्रा

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महीने के अंत का डर: छूटी हुई EMI से होने वाली चिंता और अनिद्रा

लाखों भारतीयों के घरों में हर महीने की 28-29 तारीख़ आते ही एक अजीब-सी बेचैनी होने लगती है यह कोई सुबह का अलार्म नहीं, बल्कि EMI की आखिरी तारीख़ का डर है जो धीरे-धीरे दिल की धड़कनें बढ़ा देता है। पहले EMI का मतलब सिर्फ़ एक भुगतान था, आज यह तनाव और चिंता का दूसरा कारण बन चूका है। 

आँकड़े बताते हैं कि भारत में 10.6% व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे है। यह खामोशी हमारे समाज की उस छुपी हुई सच्चाई को उजागर करती है, जहाँ वित्तीय असुरक्षा और कर्ज़ के बढ़ते बोझ ने इस मानसिक संकट को और अधिक गहरा कर दिया है।

एक क्लिक, एक नया तनाव

जब हम ऑनलाइन कुछ खरीदी करते हैं तो ‘अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें’ (BNPL) का विकल्प कितना आसान लगता है। छोटी चीज़ो से लेकर घर के राशन तक, सब कुछ EMI पर उपलब्ध है। शुरुआत में लगता है कि यह सुविधा है, लेकिन जैसे-जैसे छोटे-छोटे भुगतान जुड़ते जाते हैं, वैसे-वैसे भारत के Middle Class की एक नई और निजी समस्या सामने आती है – वह है आर्थिक तनाव।  अगर आपकी EMI, आपकी कुल कमाई के 40% से ज़्यादा है, तो रात की नींद गायब होना आम बात हो जाती है। यह EMI का बोझ सिर्फ़ आपके जेब पर नहीं, बल्कि आपकी मानसिक शांति पर भी भारी पड़ता है।

रात के सन्नाटे में EMI का शोर

जब परिवार वाले आराम से सो रहे होते हैं, तब बहुत सारे लोग अपनी EMI का हिसाब कर रहे होते हैं। दिमाग में एक ही चीज़ चलती है:

  • “क्या मैंने इस महीने की कार की EMI भर दी है?”
  • “लोन की क़िस्त कहीं भूल तो नहीं गया?”
  • “अगर एक दिन भी लेट हुआ तो Bank से Messages, रिकवरी एजेंट का धमकी भरा कॉल या मैसेज कब आएगा”

मानसिक स्वास्थ्य के जानकार बताते हैं कि EMI का तनाव न सिर्फ़ हमारी नींद छीनता है, बल्कि यह चिंता और डिप्रेशन को भी बढ़ाता है। 

अगर आपकी भी दिन रातें बैंकिंग या क्रेडिट ऐप्स को चेक करने, हर नोटिफिकेशन को सीधा धमकी समझने या लोन एजेंटों की बातें याद करते हुए गुज़रती हैं, तो समझ लें कि यह सिर्फ आपके साथ ही नहीं हो रहा।

"महीने के अंत का डर" सिर्फ़ एक फ़ीलिंग नहीं, यह एक बीमारी है

जब भी Bank या Recovery Agent का मैसेज आता है, तो दिल की धड़कनें अचानक से तेज़ हो जाती हैं, पसीना आने लगता है और तनाव बढ़ता है। यह सब हमारे शरीर में होने वाले बदलावों का नतीजा है। लगातार चिंता की वजह से हमारी नींद ख़राब होती है, हम चिड़चिड़े हो जाते हैं और कई बार अचानक से Panic Attack भी आ जाते हैं। 

सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि आर्थिक तनाव के कारण हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती है, रिश्तों में दरार आती है और एक तरह का अकेलापन महसूस होता है। नेशनल मेंटल हेल्थ सर्वे के अनुसार, जागरूकता की कमी, और पेशेवरों की कमी के कारण मानसिक विकार वाले 70% से 92% लोगों को उचित उपचार नहीं मिल पाता है। 

जब EMI का डर हद से आगे बढ़ जाता है?

सिर्फ एक EMI छूटने पर लगातार फ़ोन कॉल, रिकवरी एजेंटों द्वारा लोगो के सामने अपमान, WhatsApp ग्रुप में शर्मिंदा करना और घर पर आकर धमकाना – ये सब बातें परेशानी को और भी ज्यादा बढ़ा देती हैं। 

यह संकेत हैं कि EMI का डर आपके स्वास्थ्य को बिगाड़ रहा है। 

अगर आप भी नीचे दिए गए चीज़ो से गुजर रहे है, तो यह बात करने का सही समय है:

  • लोन या EMI के बारे में सोचकर नींद न आना
  • बार-बार बैंक के ऐप या Payment Reminder चेक करना
  • पेमेंट की तारीख से पहले सिर में दर्द, घबराहट या सीने में भारीपन महसूस होना
  • मूड में बदलाव, अपनों पर गुस्सा आना या लोगों से दूर रहना
  • बैंक के Messages Tone से घबराहट होना
  • आर्थिक मामलों पर घर में बात करने में शर्म महसूस होना
  • सब कुछ छोड़ देने का मन करना

एक साथ मिलकर पहला कदम उठाएं

अगर आप भी रात में जागते हैं और दिल की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं, तो याद रखें: आप अकेले नहीं हैं। महीने के अंत का डर एक सामूहिक भावना है। आज कल लोगो ने सोशल मीडिया पर, WhatsApp ग्रुप्स में बातचीत करना शुरू कर दिया है उम्मीद है आपके घर में भी। 

चाहे आप किसी प्रोफेशनल से बात करें, हमारे SOS (Sounds of Silence) initiative से जुड़ें, या बस अपनी कहानी किसी दोस्त को सुनाएँ, आपको बस हर कदम इस खामोशी को तोड़ना है।

हम आपको पूरी तरह से निःशुल्क, गोपनीय और बिना किसी जजमेंट के निम्नलिखित सेवाएँ प्रदान करते हैं ताकि आप इस चुप्पी को तोड़ सकें:

  • ऑन-कॉल हेल्पलाइन: Mann Talks विशेषज्ञों के साथ।
  • 1:1 थेरेपी सेशन: विशेष रूप से Enrolled Clients के लिए।
  • फाइनेंसियल काउंसलिंग: SingleDebt विशेषज्ञों द्वारा।
  • मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग: Mann Talks प्रोफेशनल्स द्वारा।
  • सेल्फ-हेल्प टूल्स: माइंडफुलनेस ऑडियो सीरीज़ और ब्लॉग्स।

निष्कर्ष

SingleDebt द्वारा साउंड्स ऑफ़ साइलेंस (SOS) पहल सिर्फ़ एक समाधान नहीं है। यह सुनने, समझने और शर्म को दूर करने का एक सही तरीक़ा है। इस Mental Health Week पर, आइए हम अपनी समस्याओं को छुपाना बंद करें और एक-दूसरे का समर्थन करें। आप हमसे बात कर सकते हैं, मुफ़्त सलाह के लिए सकते हैं, साथ ही आप हमारे FREE Financial Literacy Program को देख सकते हैं।

EMI का लगातार तनाव चिंता, insomnia और डिप्रेशन के लक्षणों को बढ़ाकर मानसिक शांति को हानि पहुँचता है। यह पैनिक अटैक, चिड़चिड़ापन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कम कर सकता है।

अपनी सभी EMI को कमाई के 40% से नीचे लाने के लिए लोन्स को Restructure करें और गैर-ज़रूरी खर्चों में कटौती करें। साथ ही, आर्थिक तनाव से निपटने के लिए SingleDebt जैसी हेल्पलाइन(022 6876 2605) से प्रोफेशनल मदद लें।

SingleDebt की SOS (Sounds of Silence) पहल और Mann Talks मिलकर वित्तीय तनाव के भावनात्मक बोझ को कम करने में मदद करते हैं, यह मानते हुए कि सहायता मांगना Self-care है। यह पहल मुफ़्त हेल्पलाइन, सेल्फ-हेल्प टूल्स (जैसे माइंडफुलनेस ऑडियो सीरीज़ और ब्लॉग) प्रदान करती है, और साथ ही Enrolled Clients के लिए मुफ़्त 1:1 थेरेपी सेशन्स भी उपलब्ध हैं।

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